ऐ मेरे दिल
ऐ मेरे दिल, क्यों हैं तू परेशान, क्या चाहता हैं तू, कभी तो खुलके बता। सब रखते हैं अपनी बातें दिल में, ऐ दिल, तू कभी अपने दिल की भी सुना। अपनों का प्यार और अपनों के लिए प्यार, बहुत सारे सपने, और उन्हें पूरा करने का हौसला, सब तूझमें ही तो है, फिर भी अक्सर टूट जाता हैं तू, तेरे दर्द का कारण तो बता। रास्ते ही रास्ते हैं, हर मोड़ पे चौराहा है, तेरी मंजिल कौन सी है, वो राह तो दिखा। माना नासमझ हूँ मैं, पर कभी तो तू कुछ खुल के बता।